प्यार का बुख़ार - 5

  • 3.5k
  • 2k

आधी रात में अनुराग अपने कमरे में बैठा था। वह दिनभर काम करने के बावजूद, अपने मन के गहरे बहाव में डूबा हुआ था। प्रतिमात्मक दृश्य उसके आंखों के सामने उभर रहे थे, जब वह उस अद्भुत प्यार के जाल में फंस गया था। उसके दिल में आग सी जल रही थी, प्यार का एक बुख़ार जो उसे सराबोर कर रहा था।उसकी यादों के समंदर में डूबे हुए, अनुराग ने जब उस रात की घटना को याद किया, तो उसका दिल फिर से उस पल को जीने लगा।वे एक दिन किसी किसान मेले में मिले थे। निशाने पर तो उन्होंने