भेद...

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पुरूष..नारी को समझ क्यो नही पाता ...क्य इतना कठीन होता है नारी को समझना...क्या होता है ना पुरूष और नारी दोनो का स्ट्रक्चर अलग अलग होता है ....कोई भी प्रॉब्लम का जाती है life मे तो इक पुरूष आपकी प्रॉब्लम मिनटो मे साॅल्व कर देता है वो आपसे पुछेगा की आपकी प्रॉब्लम क्या हैऔर तुरन्त ही उसके सोल्यूशन पर फोकस करेगाओर मिनटो मे प्रॉब्लम साॅल्व कर लेगा...प्रॉब्लम तो साॅल्व हो गई....पर यही प्रॉब्लम है कि प्रॉब्लम साॅल्व हो गई..बीना नारी की पूरी रागिनी सुने यही तो दुविधा है मे मानते हू कि शार्फ पुरुषो मे किसी भी परेशानी को साॅल्व