अपना आकाश - 16 - मंगल की छलांग

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अनुच्छेद- 16 मंगल की छलांगमंगल अपने खेत की अन्तिम सिंचाई में लगे थे। आज उन्होंने तन्नी और वीरू को नहीं बुलाया। दोनों की परीक्षाएँ निकट हैं अधिक से अधिक समय वे पढ़ाई पर दें। कोहा भरते समय वे फसल को देखते और खुश होते । रामदयाल भी बाजार से लौटते समय वहीं आ गए। एक क्षण रुके। राम जुहार के बाद बोले, 'इस बार तो तुम्हारे पास गेहूँ एक ही बीघा हैं।' 'पर लहसुन तो है, सब निबटा देगा।''लहसुन तो जिलाजीत है भाई।' 'बिना किसी विघ्न बाधा के आप सब की कृपा से सामकूल निभ जाय ।''अब यह अन्तिम पानी