अपना आकाश - 13 - बेटियाँ सब जानती हैं

  • 3.4k
  • 1.9k

अनुच्छेद- 13 बेटियाँ सब जानती हैंतरन्ती की माई कुछ परेशान सी आज सबेरे ही भँवरी के घर आई । भँवरी ने गले मिलकर स्वागत किया। तन्नी प्रणाम कर छाछ में जीरा नमक डालकर ले आई। फूलमती धीरे-धीरे पीती और बतियाती रही। 'अब नए लड़के नई नई बात करते हैं। देन लेन सब तय हो गया तो दामाद जी ने कहा कि लड़की देखेंगे । तरन्ती के बापू तो तैयार नहीं हो रहे थे लेकिन मैंने समझाया, नया युग है लड़का अगर देखना ही चाहता है तो लड़की को दिखा दो। देखे रहेगा तो यह कहने का मौका तो नहीं रहेगा