अनुच्छेद- 11 सपने अँखुआएतन्नी ने कोचिंग में जाना शुरू किया। वत्सलाधर का घर ही उसका अड्डा था। माँ जी की सेवा करती, बतियाती, पढ़ती और घर लौटती । भँवरी को भी लगा कि तन्नी गाँव का नाम करेगी। गाँव की किसी भी लड़की ने बी. एस-सी नहीं किया है। तन्नी नया इतिहास बनाएगी। मंगल को सरकारी गोदाम में फिर खाद नहीं मिल सकी। उन्होंने गुप्ता की दूकान से ही खाद लिया। दाम अधिक देना पड़ा पर मिल तो गई। उन्होंने लहसुन बोया । सुतिन बाबू भी बहुत दौड़े। मंगल को भी दौड़ाया और बोरिंग हुई। मंगल ने कर्जे की फाइल