जंगल की काली रात

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रात के अंधेरे में मैकू अपनी कार को दौड़ाए जा रहा था। मैकू को खुद कार चलाना और दूर-दूर की यात्राएँ करना बहुत ही पसंद था। मैकू की बगल वाली सीट पर उसका दोस्त रमेश बैठा था। वे दोनों मुंबई से मैहर भगवती के दर्शन के लिए जा रहे थे। मैकू के माता-पिता ने लाख समझाया था कि बेटे इतनी लंबी दूरी तुम लोग ट्रेन से सफर करो पर मैकू माना नहीं और अपने दोस्त के साथ कार से ही हो लिया। रात के करीब 2 बजे होंगे। कार सड़क पर भागी जा रही थी। रह-रहकर इक्के-दुक्के ट्रक आदि भी