क्रिकेट का चस्का

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छीतर जी की पत्नी सुशीला देवी जी के गुजर जाने के बाद छीतर जी के जीवन में भी जैसे शांति ही छा गई । अब वह बहुत चुप - चुप से रहते, मुख भी बहुत उदास रहता, ज्यादा किसी से ना मिलते ना बोलते ।   यह देख उनका बेटा प्रमेश चिंतित हुआ और सोचने लगा कि ऐसा क्या किया जाए कि पापाजी कि यह गहन उदासी दूर हो और वह फिर से जीवन के रंग में ढल जाए ...   तभी उसे याद आया कि उसके पापाजी को क्रिकेट खेल बहुत पसंद था और आज भी है । तो