मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 25

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भाग 25रात को डिनर के वक्त आरिज़ की अम्मी जान, बड़े भाई जान, अफसाना भाभी साहब और फरहा भाभी जान के दोनों बच्चे ही आये थे। वाकि लोग क्यों नही आये इसका कोई पुख्ता बहाना या अस्बाब नही था किसी के पास।खाने में बिरयानी, शाही पनीर और कोरमा था। तंदूरी चपाती को खान साहब ने बाहर से स्पेशल आर्डर कर मँगवा लिया था। शबीना ने आज अपनी ओपल वियर की वही क्राकरी निकाली थी जो वह और फिज़ा साथ में जाकर खरीद कर लाये थे और ये सिर्फ किसी खास मौकों के लिये थी। शबीना और खान साहब के लिये