जीवन का यथार्थ

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बड़े घर की अनीता के विवाह का जश्न अपने चरमोत्कर्ष पर था, पांच सितारा होटल तो अनीता से भी अधिक जगमगा रहा था, हर तरफ बस मेहमान ही मेहमान नजर आ रहे थे... कोई सोने का हार तो कोई हीरे का हार पहने अलग - अलग स्टालो पर भोजन का लुफ्त उठा रहा था। अनीता अपनी मां और भाई के साथ खिलखिला कर हंस रही थी, मानो यह कि बिल्कुल राजशाही अंदाज में सब कुछ हो रहा था। वर भी किसी राजकुमार से कम नहीं लग रहा था, स्विमिंग पूल में जब बिजली टिमटिमा रही थी तो वहां का वातावरण