पाप-पुण्य - 2

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पाप-पुण्य की न मिले कहीं भी ऐसी परिभाषाप्रश्नकर्ता : पाप और पुण्य, वे भला क्या हैं?दादाश्री : पाप और पुण्य का अर्थ क्या है? क्या करें तो पुण्य होगा? पुण्य-पाप का उत्पादन कहाँ से होता है? तब कहें, ‘यह जगत् जैसा है वैसा जाना नहीं है लोगों ने, इसलिए खुद को जैसा ठीक लगे वैसा बरतते हैं। अर्थात् किसी जीव को मारते हैं, किसी को दु:ख देते हैं, किसी को त्रास पहुँचाते हैं।’किसी भी जीव मात्र को कोई भी त्रास पहुँचाना या दु:ख देना, उससे पाप बँधता है। क्योंकि गॉड इज़ इन एवरी क्रीचर वेदर विज़िबल औैर इन्विज़िबल। (आँख से