प्रेम गली अति साँकरी - 56

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========== थोड़ी देर में झुँझलाते हुए श्रेष्ठ ने रेस्टोरेंट में प्रवेश किया | उनके चेहरे पर कुछ अनमनाहट सी पसरी हुई थी लेकिन मेरे चेहरे पर मुस्कान व सुकून तथा आँखों में खुशी की चमक देखकर शायद उन्हें थोड़ी तसल्ली हुई और वह उस मेज़ की ओर आए जहाँ मैं बैठी थी |  अंदर सब अच्छा ही था लेकिन उनके मन में तो फ़ाइव स्टार से नीचे की बात गले से उतर ही नहीं रही थी फिर से थोड़ा सा मूड ऐसा ही लगा मुझे श्रेष्ठ का!  “आखिर इसमें ऐसा क्या है ?” उसने मेरे सामने बैठते हुए पूछा |