क़ाज़ी वाजिद की कहानी जब मैंने हाई स्कूल परीक्षा में टॉप किया, मुझे सम्मानित करने के लिए जेल अधीक्षक मि. सिन्हा ने आमंत्रित किया था। सरकारी गाड़ी में बैठते ही मां याद आई। बचपन में मैंने मां से गाड़ी में बैठने की ज़िद की थी, तो मां ने कहा, 'गाड़ी में बैठने के लिए पढ़ाई करना पड़ती है।' उस समय मैं नहीं जानती थी, पढ़ाई क्या होती है? 'मां ने ठीक कहा था।' यह मैं मां से कहना चाहती हूं, पर पता नहीं वो कहां है? आज पप्पा से पूछा तो कोई उत्तर नहीं दिया, बस आखें सजल हो