अभी तक आपने पढ़ा कि जासूस सप्तऋषि मंडल दिन भर भानगढ़ के किले के रहस्यों का अवलोकन करते हुए शाम को खंडित महल की छत पर पहुं गया है।अब आगे-उन सातों ने वहीं छत पर बैठ कर भोजन किया।शाम अब अंधकार की ओर अग्रसर हो रही थी, क्यों कि वो छत पर थे इसलिये किसी का ध्यान उधर गया ही नहीं।अमित - शायद सभी चले गये हैं, नीचे की ओर देखो तो कितना सन्नाटा छाया हुआ है।अवंतिका हम आज रात इस बुर्ज पर ही बैठ कर चारों - और निगाह रखेंगे और किसी को भी अहसास ही नहीं होगा कि