भाग 1दिल के तराने लिखूँ आज,प्यार के बोल आज सुनाऊँ।ज़माना ये रंगीनी ले रहा है,मेरी ज़िंदगी को आज मैं बताऊँ।प्यार के बोल हैं जड़ी तार,बिना कहे भी सब कुछ समझ जाते हैं।दिल के तराने बिखर रहे हैं,मेरी आँखों से आज ये आंसू बह जाते हैं।मोहब्बत की लहरें ले आई हैं,हर आवाज़ में दिल की बातें हैं।प्यार के बोल ज़मीन पर फैल गए हैं,मन की गहराइयों को आज मैं दिखलाऊँ।दिल के तराने बांधे हैं रस्तों में,प्यार के बोल लिखे हैं सितारों में।ये आग जो जल रही है दिल में,वो रौशनी आज सबको दिखलाऊँ।चाहत की धड़कनों का नग़मा है,प्यार के बोल लहरा