तेरे ख़्वाबों के सिलसिले: उम्मीद और दर्द की कहानी

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भाग 1तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,उम्मीद और दर्द की कहानी।जब रात ढलती है,और चाँद निकलता है,तेरी यादों की हवा,मेरे दिल को छू जाती है।ख्वाबों की दुनिया में,बस तू है मेरी रौशनी,पर रात चाँदनी से ख़ाली,हर रोज़ ढल जाती है ज़िंदगी।मेरी उम्मीदें सजाएं,तेरी आँखों में खिले हैं,पर जब तेरा चेहरा छूटे,दर्द की धूप में जले हैं।तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,मेरी ज़िंदगी की मशालें,जब तू दूर चला जाता है,दिल मेरा जल जाता है।उम्मीद की किरणों को ढूँढता,मैं तेरे सपनों के साथ,पर हर बार तेरे ख़्वाबों से,हाथ निकल जाता है जुदा।दर्द की रातों में बदलती,हर लम्हा अधूरी कहानी,तेरे ख़्वाबों के सिलसिले,उम्मीद और दर्द की कहानी।भाग