अपराजिता - जीवन की मुस्कराहट

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अपराजिता - जीवन की मुस्कराहटबड़े शहर से शादी करके आई अपराजिता जब से अपने ससुराल एक छोटे से गांव में आई तब से देख रही थी ससुराल में उसकी बुजुर्ग दादी सास का निरादर होता हुआ। ससुराल में उसके पति विजय के अलावा उसकी सास और दादी सास थी बस चार लोगों का परिवार, उसने ये बात अपने पति विजय से कहीं तो वह बोला - ये घर की औरतों का मामला है में इसमें क्या कर सकता हूँ, अपराजिता समझ गई जो कुछ करना है वह उसे स्वयं ही करना होगा, जब भी उसकी सासू-मां, दादी सास का निरादर