“आने से उसके आए बहार” पावनी और रवीना सुबह की सैर पर थीं। बचपन की दोनों सहेलियां गप्पे मारती हुई निर्जन सड़क पर चली जा रहीं थीं। वे गप्पों में इतनी मशगूल थीं कि उन्हें हल्की बूंदा-बांदी से भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। पावनी कह रही थी,“यार आजकल घर में पिता-पुत्र का द्वंद छिड़ा है” “वो क्यों?” रवीना ने अपनी अनभिज्ञता जाहिर की।“शुभम कहता है, वो आएगा...लेकिन रमन को उससे सख्त नफरत है” पावनी रटा रटाया सा बोली चली जा रही थी। रवीना ने बीच में टोका, “पर वो कौन...यह भी बताएगी कि नहीं”“मैंने कितनी बार कहा रमन