यदि आप सच में आगे बढ़ना चाहते हैं,तो फिर आपको इस दूनियाँ की कोई ताकत नहीं रोक सकतीं, ये मैं कहती हूँ ! लेकिन, तकलीफ़ यह है कि, इन्सान आगे बढ़ नहीं पाता है ; सिर्फ अपनी ही सोच की वज़ह से ...!! हमें हमारी सोच ही रोक लेती है । नकारात्मकता हावी हो जाएँ तो इन्सान कुछ नहीं कर सकता । सबसे पेहले नकारात्मकता से दूर हो जाओ, जो सोच आपको आगे बढ़ने में बाधा उत्पन्न करे ऐसी सोच को ही दिमाग़ से निकालकर फैंक दो ...!! जब तक आप सकारात्मकता धारण नहीं करेगे ; नकारात्मकता आपका पीछा नहीं