संजना - एक अनोखी दास्तान

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"कहाँ जा रही है, संजना बहू... ?" बाईक की चाबी उठाती हुई संजना से सास ने पूछा... "माँ की तरफ जा रही थी मम्मी"   "अभी तरसों ही तो गई थी"   "हाँ पर आज पापा की स्वास्थ्य सही नहीं है, उन्हें डॉ. को दिखाने ले जाना है"   "ऊहं... !", "ये तो रोज का हो गया है", "एक फोन आया और ये चल दी", "बहाने चाहिए मायके जाने का" सास ने जाते जाते संजना को सुनाते हुए कहा... "हम तो पछता गए भाई" "बिना भाई की बहन से शादी करके" "सोचा था, चलो बिना भाई की बहन है, तो