क्षमा करना वृंदा - 14

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भाग -14 मेरी उस स्थिति को देखने वाला मुझे पागल ही कहता। मेरे दिमाग़ में लॉक-डाउन को लेकर ग़ुस्से का ज्वालामुखी फूटता था। मैं बार-बार वृंदा को फ़ोन करती। उससे कहती कि इस बंदी को लॉक-डाउन कहना पूरे देश को धोखा देना है। यह तो लोगों को सरकारी शक्ति, सख़्ती से हॉउस-अरेस्ट करना हुआ। लॉक-डाउन में लोग क्या करें, क्या न करें, आप ऐसी एक गाइड-लाइन जारी कर दीजिए और लोगों के विवेक पर छोड़ दीजिए कि वो उसका पालन करें या न करें, या कितना करें। मैं कहती हूँ कि सभी अपने आप बचने की पूरी कोशिश करेंगे। हाँ