क़ाज़ी वाजिद की कहानी- पश्चाताप गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली थी। रोहित दरवाज़े पर खड़ा होकर प्लेटफार्म की भीड़ को देख रहा था। एक युवक भीड़ को चीरता हुआ आ रहा था।दरवाज़े के पास आकर उसने बैग को अंदर फेंका और छलांग लगाकर अंदर आ गया। रोबीले व्यक्तित्व और क़ीमती सूट पहने युवक को इस तरह गाड़ी पकड़ते देख वह स्तब्ध रह गया। वह युवक बेहद बेचैन था। उसकी बेचैनी देखकर रोहित ने उसे अपनी बर्थ पर बैठा लिया। वह निरंतर समाचार पत्र में छपी फोटो को देख रहा था और बीच-बीच में रोहित की ओर देख लेता था। उसे