भाग 112 अमन ने आहिस्ता से दरवाजा खोला जिससे पुरवा को कोई परेशानी नही हो। आज सत्ताइस साल बाद उसका पुरवा से सामना होगा। वो इतने लंबे अरसे बाद उसे देखेगा। दिल खुशी से पागल हुआ जा रहा था। पर ये खुशी धूमिल हो रही थी कि पुरवा की बीमारी से उसे निजात नही दिला पा रहा। पुरवा से मुलाकात का एक असंभव सपना पूरा हो रहा था, पर जिस हालत में पुरवा उसे दिख रही थी वो असहनीय था। अमन धड़कते दिल से आया और बेड के पास आया और पास के स्टूल पर बैठ गया। पुरवा का पीठ