भाग 82 लाहौर स्टेशन आने वाला था। अमन बेचैन था कि उसका पुरवा के साथ, बस यहीं तक था। अमन से अलग पुरवा की हालत भी नही थी। अब बस थोड़ी ही देर में वो जुदा हो जायेंगे अनन्त समय के लिए। फिर जाने कभी मुलाकात होगी भी या नहीं। ये मासूम सूरत फिर कभी देखने को मिलेगी भी या नही! जितना सोच रहा था तकलीफ उतनी ही बढ़ती जा रही थी। गाड़ी अपनी रफ्तार से चल रही थी तभी तेजी से सीटी देते हुए गाड़ी रुक गई। अमन ने अनुमान लगा कर बोला, "लगता है किसी से जंजीर खींच