कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 71

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भाग 71 पुरवा मंदिर और घाटों की सफाई झाड़ू से करती तो अमन घड़े से पानी डालता। पुरवा अम्मा-बाऊ जी के कपड़े धुलती तो अमन उन्हें सूखने के लिए डाल देता। सूखने पर तह करके रख देता। ऐसे ही काम करते हुए आपस में हंसी भी करते रहते। पुरवा कपड़े घुल रही थी और अमन वही सीढ़ियों पर अधलेटा सा आराम की मुद्रा में बैठा प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहा था। ये आनंद प्रकृति के सौंदर्य से ज्यादा पुरवा का सौंदर्य उसे दे रहा था। वैसे वो पुरवा को निहारता पर जैसे ही पुरवा की आंखें उसकी ओर घूमती