भाग 54 देखते ही देखते उस गाड़ी के डिब्बे में मौजूद सब लोग उसकी मूंगफली के ठोँगे के लिए टूट पड़े। जैसे ये कोई मामूली मुंगफली ना हो कर कोई करामाती मुंगफली हो। जो जितना ले सकता था। अपनी इच्छा अनुसार कीमत चुका कर खरीद रहा था। पल भर में ऊपर तक लदी मूंगफली की टोकरी खाली हो गई। उस व्यक्ति के उदास चेहरे पर भी सम्मान की एक स्पष्ट झलक दिखाई दे रही थी। आज पहली बार ऐसा हुआ था कि घर से मुंगफली से लदी टोकरी ले कर चला हो और वो पूरी की पूरी बिक गई हो।