भाग 48 अशोक और उर्मिला को चाची के पास देर लगते देख पुरवा भी आ गई। अशोक से सट कर उसका हाथ पकड़ कर दुलराते हुए बोली, "चलो ना बाऊ जी…! देर हो रही।" चाची ने अशोक और उर्मिला को आशीष दिया । पुरवा को पास बुला कर सिर पर हाथ फेरा और मीठी झिड़की देते हुए बोलीं, "बड़ी जल्दी है तुझे जाने की पुरवा। ज्यादा नही चोन्हा रही है, जा रही है इया को छोड़ कर तो। इतनी बड़ी हो गई ये लड़की पर बचपना नही गया। आ लौट कर तो… जल्दी से तेरे फेरे करवा कर तुझे बिदा