कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 42

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भाग 42 उर्मिला अपने घर के दरवाजे तक पहुंच गई थी। जैसे ही अंदर घुसने को हुई। चाची ने तेजी से आवाज लगा कर उसे बुलाया, "ओ.…. अशोक बहू..! (जब चाची का दिमाग उखड़ता था तो वो उर्मिला को इसी नाम से पुकारती थी।) जरा इधर आ तो।" उर्मिला हैरत में पड़ गई कि अभी तो बात चीत कर के लौटी हूं। अब इतनी जल्दी क्या हो गया को फिर से बुलाने लगीं। उसे मोरी की पर बैठने की जरूरत महसूस हो रही थी कब से। पर खुद को किसी तरह रोके हुए थी। अब जल्दी से फारिग होना चाहती