भाग 39 वापसी में अमन के होठ ना चाहते हुए भी गुनगुनाने लगे। पूरे रास्ते उसके जेहन में बार बार पुरवा की डेहरी पकड़े खड़ी, आंखे झुकाए तस्वीर उभरती रही। अशोक अमन को कुछ दूर तक छोड़ कर वापस लौटे तो बड़े खुश थे। बाहर खटिया पर लेट कर आराम करने लगे। लेट कर मन ही मन सोचने लगे, कितना सभ्य शालीन लड़का है अमन। घमंड तो छू भी नहीं गया। कुछ देर बाद खाना तैयार हो गया तो पुरवा ने आवाज लगाई, "बाऊ जी..! आइए अम्मा ने खाना परोस दिया है।" "अच्छा बिटिया .! आता हूं।" कह कर कुएं