भाग 37 शमशाद मियां की हवेली से निकलते ही पुरवा तेज कदमों से अपने घर की ओर चल पड़ी। पुरवा तेजी से भागी जा रही थी। अमन भी उसके पीछे पीछे आ रहा था। पर अम्मी और आरिफ भाई के सवाल के जवाब देने में को कुछ सेकंड लगे और उन चंद सेकेंडों में ही पुरवा काफी आगे निकल गई। गजब की तेज चाल थी पुरवा की। हट्टा कट्टा, फुर्तीला जवान होने के बावजूद अमन अपने और पुरवा के बीच के फासले को कम नहीं कर पा रहा था। हार का अमन ने आवाज लगाई, "पुरवा..जी.. ! पुरवा जी....! मैं