भाग 20 पुरवा ने नाज़ के ससुराल वलीमा की दावत में जाने के लिए मुंह फुला कर जैसे आंदोलन ही शुरू कर दिया। अब चाहे ये बुआ और उनके पति रहे या ना रहे उसे तो बस हर हाल में जाना ही था। चाहे कोई कुछ भी कहे… कुछ भी सोचे… उसे तो बस जाना ही था नाज़ से मिलने उसके ससुराल। साफ साफ उसने अम्मा बाऊ जी को बता दिया था। परेशान उर्मिला नही सोच पा रही थी कि क्या करे..? फिर उसने और अशोक ने सोचा थोड़ी देर के लिए दावत के वक्त चले जायेंगे। पर भगवान जैसे