भाग 19 तभी बातें करते हुए नाज़ की नजर पुरवा के हाथ में पहने कंगन पड़ी। ये इतने सुंदर कंगन अभी कल तो इसके हाथ में नही थे। तो फिर आज इसे कहां से मिल गए। बाजार तो गई नही फिर कहां से आए ये कंगन…? उसने कंगनों पर अपने हाथ फेरते हुए बोली, "अरे..! पुरवा …! ये कंगन तो बेहद खूबसूरत है। कहां से बनवाया..?" पुरवा बेपरवाही से बोली, "वो… बताया ना एक रिश्ते की बुआ और फूफा आए हैं। उन्होंने ही आज मुझे ये कंगन पहनाए।" नाज़ पुरवा से ज्यादा समझदार थी। उसे खटका हो गया कि कोई