कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 14

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भाग 14 बाहर जाती हुई पुरवा तेज आवाज में बोली, "चाची ….! हम जा रहे हैं।" नईमा ने इस हिदायत के साथ जाने दिया कि समय से दोनो वापस घर आ जाएं। तेजी तेजी कदम बढ़ाती नाज़ और पुरवा अपने हमेशा वाले पोखरा के किनारे वाले जगह की ओर बढ़ चली। नाज तो कायदे से सामान्य कदमों से चल रही थी। पर पुरवा का एक भी कदम उछले बिना नहीं पड़ रहा था। बौरे आमों पर कोयल बैठी कूक कूक कर सब का मन बसंती रंग में रंग दे रही थी। एके तो मौसम सुहाना दूसरे कोयल की आवाज पूरे