भाग 10 निकाह की अनवरत चलती तैयारियों के बीच अब आरिफ और नाज़ के मिलने जुलने के मौके पर तो जैसे ब्रेक ही लग गया था। शमशाद को कहीं से आरिफ की इस कारगुजारी की भनक लग गई थी। अब जवान भाई था, उस पर भी उसका निकाह तय हो गया था। वो मिलता भी किसी गैर लड़की से नही उसी लड़की से था। तो फिर मना करने को कोई सबब नही था। बस ये बात थी कि गांव, इलाका, रिश्तेदारों में बड़ी इज्जत है उनकी। ये बात बात फैलने पर थोड़ी रुसवाई हो जायेगी। बहुत सोच समझ कर शमशाद