भाग 8 अब नाज़ का निकाह तय हो गया था तो नईमा उसे कहीं बाहर जाने नही देती थी। जब तक कि कोई बहुत जरूरी काम ना हो। नईमा ऊपरी भूत प्रेत, जिन्न से बहुत डरती थी। उसने सुन रक्खा था कि लगन तय लड़कियों को बहुत जल्दी पकड़ लेते हैं। अब नईमा चाची को राजी करना था तो थोड़ा सा तो तेल लगाना ही पड़ेगा। पुरवा उछलती कूदती नईमा के पास आई और दुलराते हुए बोली, "चाची….! आज कई दिन बाद हम आए है इस्माइलपुर से। नाज़ के बिना वहां बिलकुल भी अच्छा नही लग रहा था। पर मां