लाज...

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ये कहानी लगभग आज से पचास साल पहले की है,जो मेरी नानी ने मुझे सुनाई थी,उनके समय में ऐसा हुआ था... तो कहानी कुछ इस प्रकार है.... "बिंदिया!पता है मैं क्या सोच रहा था?,"बिंदिया के पति मदन ने कहा... "क्या सोच रहे थे जी"?,बिंदिया ने पूछा... "यही कि इस साल फसल अच्छी हो गई है,तुमने पाँच नई साड़ियाँ भी ले लीं हैं और नया मंगलसूत्र भी तो बनवा लिया है तो क्यों हम दोनों शहर घूमकर आएं,तुम कितनी बार कह चुकी हो शहर घुमाने को तो कभी मेरे पास समय नहीं रहता तो कभी पैसें और वैसें भी शादी के