वेबस नारी का प्रतिशोध

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जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन निशा सुहाग की सेज पर बैठी नव विवाहिता पत्नी अपने बचपन से सुहाग सेज तक कि जीवन यात्रा के सुंदर सपनो कि कल्पना कि वास्तविकता को प्रत्यक्ष देखने के लिए आतुर विचारों में खोई सिर्फ उस सुंदर पल को बेचैनी से निहारती पल भी वर्षो कि जीवन यात्रा सा लगता।माँ बाप भाई बहनों अपनो को छोड़कर आयी निहारिका सुंदर सपनो में खोई ही थी तभी सपनो का सौदागर जीवन का सत्य पति प्रेमी जिबेश कमरे में प्रवेश करता है और सेज पर बैठते हुये कीमती तोहफा देते हुए कहता है निहारिका आज मुझे सबसे बड़ा