कशिश - पार्ट 3

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अब रविवार का दिन आ जाता है।सभी लोग गांव के मंदिर के पास खड़े होकर मुखिया जी के आने का इंतजार करते हैं।मुखिया जी के आने के कुछ देर पश्चात वहां एक कार आती है उसके पीछे - पीछे एक लग्जरी बस आती है जो कि खाली रहती है , कार के अंदर बैठा एक व्यक्ति बाहर आता है तथा सभी को बस के अंदर बैठ जाने का आग्रह करता है।मुखिया जी - क्या आपको युवराज ने भेजा है।व्यक्ति - जी हां युवराजजी ने ही मुझे भेजा है मैं उनका मुनीम हूं। मेरा नाम विनयानंद है।मुखिया जी - अच्छा अच्छा