तमाचा - 38 (मीटिंग )

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"तू कहाँ चला गया था रे? देख तेरी माँ को क्या हो गया?" मोहनचंद ने व्याकुलता की दशा में ही राकेश को कहा। "क्या हुआ मम्मी को?" राकेश अपने माता के पास जाता है जो पलंग पर सो रही थी। मोहनचंद ने उस पर एक महीन कंबल डाल दी थी और सिर पर बाम लगाकर एक कपड़े से बांध दिया था। "क्या हुआ मम्मी? बुखार है क्या? चलो डॉक्टर के पास चलते है।" राकेश ने कुछ चिंतित स्वर में बोला। "नहीं बेटा , मैं ठीक हूँ। हल्का सा बुखार है शायद! अभी खाना खाकर गोली ले लूंगी । ठीक हो