अन्धकार पर प्रकाश की रोशनी का दीपक- एक गाँव में एक डकैत रहता था जो हमेशा डकैती करता था उसका एक बेटा था जो पढ़ाई - लिखाई करता था और बहुत प्रखर बुद्धि का था, पढ़ाई, पूरी करने के बाद काम करने की तलाश करने के लिए निकला, बहुत कोशिश करने के बाद भी काम नहीं मिला तो थककर घर मे बैठ गया, पिताजी ने कहा बेटा काम नहीं मिला तो क्या हुआ, चल मेरे साथ मेरे काम मे हाथ बटा, बेटा चल दिया और शाम होते - होते एक शहर मे पहुँच गये । शहर