मेरी दूसरी मोहब्बत - 44

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Part - 44 Wajirabaad अवनी और अनुज वजीराबाद के लिए निकल जाते हैं अवनी मन ही मन उम्मीद करती है, कि वजीराबाद पहुंच कर पवन को सब याद आ जाये और सब सही हो जाए, अवनी पूरे रास्ते यही सोच कर निकाल देती है वह दोनों वजीराबाद के पुल पर पहुंच जाते हैं दोनों गाड़ी से बाहर निकलते है। अनुज जब वहां पहुंचता है तो वो उस जगह को देखकर कहीं खो सा जाता है। अवनी-क्या हुआ पवन तुम रुक क्यों गए आगे चलो ना?? अनुज – अपुन को यहां आ कर ऐसा लगा रेला हैं अपुन पहली बार यहां