Part - 40 Mumbai अवनि अपने घर आ जाती है। दिन पर दिन बीतते जा रहे होते हैं पर पवन का कुछ पता नहीं चलता, अवनि रोज़ पवन के लिए प्रार्थना करती थी, 1 दिन भी ऐसा नहीं बीता था जब अवनी रोई ना हो ।अवनि के परिवार वाले उसे समझाते रहते थे किपवन मिल जाएगा पर कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। अवनी पागलों की तरह घर में ही पड़ी रहती थी कभी बालकनी में जाती तो कभी दरवाजे पर खड़ी रहती, हमेशा बड़बड़ातीरहती कि पवन कहाँ हो तुम पवन कहाँ हो तुम ? अवनी के