मेरी दूसरी मोहब्बत - 14

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Part -14 Awani ki haan पवन - ऐसा है इस वक़्त हम दोनों को थोड़ा सा time दो, जल्दबाजी अच्छी नहीं। सुरेखा प्रभु अवनी और पवन की हाँ में हाँ मिलाती है। (दोनों बच्चों को आशीर्वाद देते हुए ) कोई नहीं बच्चों आप मन से ही शादी करना। दोनों बच्चे मुस्कुराते हुए चले जाते हैं। तभी इसी बीच पंजाब से दादा जी आए हैं। चौकीदार ने आकर बताता है। अवनी - (खुशी में चिल्लाते हुए) दादा जी... कहते हुए उनके गले लग जाती है। दादा जी - ओ मेरे सोना पुतर जी कैसे हो। अवनी - दादू आप आ गए