वो बंद दरवाजा - 13

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भाग- 13 अब तक आपने पढ़ा कि सूर्या अपने कमरे से तकिया और मोबाइल लेने जाता है, तब उसे वहाँ कुछ अजीब महसूस होता है। उसका पैर किसी ठंडी वस्तु से टकराता है जिसे वह लाश समझता है। लाश के ख्याल ने ही सूर्या के दिलो दिमाग को बेजान बना दिया। वह किसी मूर्तिकार द्वारा बनाई सजीव मूर्ति की तरह जस का तस खड़ा हुआ था। उसे अपना लोवर भीगा हुआ सा महसूस हुआ। वह कुछ समझता तभी लाइट जल गई। लाइट के जलते ही पूरा कमरा रोशन हो गया। रोशनी में सूर्या को फ़र्श गीला दिखा। जहाँ वह खड़ा