त्रियाची - 29

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भाग 29 उल्कापिंड का खतरा टल चुका था और अब सब कुछ देर आराम करने के बाद फिर से युद्ध को लेकर चर्चा में व्यस्त हो गए थे। हालांकि प्रणिता, अनिकेता, रॉनी, यश, तुषार और त्रियाची जब युद्ध को लेकर चर्चा कर रहे थे तब भी सप्तक ध्यान में ही थे। उनके ध्यान को किसी ने नहीं तोड़ा था। हालांकि ध्यान में रहते हुए सप्तक के चेहरे पर गंभीरता के साथ चिंता के भाव भी नजर आ रहे थे। उनके चेहरे के बदलते भाव बता रहे थे कि भविष्य में जरूर कुछ होने वाला है।  एक ओर जहां त्राचा ग्रह