दिल ना जानेया - (प्रोमो)

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दिल ना जानेया (प्रोमो) दिल्ली की सड़कों पर नील अवस्थी गुस्से में गाड़ी चलाए जा रहा था। उसके कानों में चारु की कही बातें गूंज रही थी "नामर्द हो तुम! तुम जैसे इंसान के साथ शादी करना अपने खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होगा। मैं हमेशा सोचती थी कि आखिर तुम अपने काम में इतना बिजी क्यों रहते हो? किस बात का जुनून है तुम्हें? लेकिन नहीं! तुम्हें तो कुछ महसूस ही नहीं होता, मेरे छूने से भी नहीं। मैं यह शादी नहीं कर सकती। तुम जैसा इंसान मुझे कभी खुश नहीं रख पाएगा, बच्चे तो दूर की बात