अगले दिन मैं एक लंबे सफर के बाद देर रात तक काशी पहुंच चुका था, काशी रेलवे स्टेशन के विश्राम गृह में कुछ घण्टो की नींद लेने के बाद सुबह तड़के सबसे पहले काशी के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर स्नान करने के बाद सीधा स्वामी बटुकनाथ जी के आश्रम पहुंचा, चूंकि उनका नाम काशी की प्रख्यात हस्तियों में शामिल था इसलिए आश्रम तक पहुंचने में कठिनाई नही हुई......आश्रम में पहुंचते ही एक अलग किस्म की धनात्मक ऊर्जा ने मन को प्रफुल्लित कर दिया था.....स्वामी जी कितने पहुंचे हुए संत है,इस बात का अहसास आश्रम में उमड़ी हुई भीड़ को