'मां' को तो वैसे भी भगवान का दर्जा प्राप्त है,और जब आज अंतिम समय मे माँ ने मेरे प्राणो की रक्षा की तो ऐसा लगा कि साक्षात भगवान ने ही आकर हमारी जान बचा ली हो...पर आखिर माँ ने ऐसा किया कैसे.....जब मैंने उनसे यह पूंछा तो उन्होंने बताया कि उनका परिवार पीढ़ियों से धार्मिक एवं तांत्रिक क्रियाकलापों से जुड़ा रहा है, उनके पिता जी अर्थात मेरे नाना वाराणसी के एक प्रसिद्ध धर्मशास्त्री रहे है, उनके पास तन्त्र,मन्त्र,साधना के ज्ञान का अपार भंडार था.....वाराणसी तन्त्र मन्त्र से भरपूर तमाम अद्भुत एवं रहस्यमयी शक्तियों का केंद्र माना जाता है, भारत का