हांटेड एक्सप्रेस - (भाग 05)

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जान बचाकर आखिर कौन नही भागना चाहता.....मैं कुछ देर पहले मौत के जिस मायाजाल से बच कर निकला था,आखिर क्यों दोबारा उस के आसपास भी जाने का दुस्साहस करूंगा?......पर जब मैं ट्रेन में बैठ कर वापस जाने का फैसला कर चुका था,तो ऐसा लगा जैसे कोई अदृश्य शक्ति मुझे जाने से रोक रही हो......वो अदृश्य शक्ति मेरे द्वारा दादा जी के अंतिम समय में दिया हुआ वचन था या फिर कुछ और.....पर जो कुछ भी था उसने मेरे मस्तिष्क को झकझोर कर मुझे ट्रेन से उतार ही लिया था....... 'क्या दादाजी को यहाँ मौजूद खतरों के बारे में पता था?