जन्म नहीं कर्म प्रधान -वैशाख कि भयंकर गर्मी चिचिलाती दोपहर कि धूप सड़के विरान जैसे प्रकृति ने कर्फ्यू लगा रखा हो ।सभी लोग गर्मी और लू के प्रकोप के डर से अपने सपने घरों में कैद भयावह गर्मी से कुछ राहत कि आश एव शाम ढलने के इंतजार में घरों में कैद लोग अवकाश का दिन रविवार था।ऐसे में विकास सड़क पर अपनी कार लेकर फर्राटे भरता मॉ विंध्यवासिनी के दरवार में पहुंच गया विकास उन दिनों सरकारी सेवा में अधिकारी के रूप में मिर्जापुर जनपद में ही कार्यरत था। विकास मॉ विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में अपनी कार बाहर किनारे