सुहासिनी उस रात अकेले रहने का वह दर्द आज तक नहीं भूल पाई थी। गीता मैडम के समझाने पर उसमें थोड़ी हिम्मत आई और उसने कहा, “गीता दीदी आप लोग पिकनिक पर क्यों चले गए थे, मुझे अकेला छोड़कर …” बीच में ही गीता मैडम ने कहा, “सुहासिनी विजय राज जी ने सभी की बुकिंग कर दी थी। अच्छा होटल, अच्छा खाना-पीना, बहुत सारे कमरे भी बुक किए थे उन्होंने। उनका बहुत पैसा लग गया था इसलिए हम वह पिकनिक कैंसिल नहीं कर सकते थे। वैसे भी यहाँ के बच्चों के लिए कौन इतना करता है? कौन इतना सोचता है?